Thursday, October 7, 2010

बहुत अच्छी होती है पुत्रिआन

जिन बेटों के लिए मरे जा रहे थे बाप
वही बेटे मार रहे हैं अपने बाप को
वो मां की भी कोई पूजा नहीं करते थे
हमेशा लूटते ही रहते थे उसकी
पेट और अपने शौक काटकर
बचाई गई जमा पूंजी को
भुनाते रहते थे मां कि ममता को
जब तक वह जिंदा थी
मरने के बाद भी उसे नहीं छोड़ते
बाप को देते रहते हैं धमकी
कहते हैं, हमने इलाज करवाया
क्रिया कर्म में धन लगाया
इसलिए मुझे चाहिए उसके वे सभी आभूषण
जो पिता के पास मां की याद के रूप में मौजूद हैं
कभी सोचा आपने, ये क्या हो रहा
हम बताते है आपको
यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है
हमेशा से येही होता आ रहा है
फिर भी किसी को समझ में नहीं आ रहा है
इस सब के बीच वो पुत्रिआन हैं
जो इन्हीं पिता को मरने वाले पुत्रों की पैदाइश के लिए
मांगती थीं मन्नतें और रखती थी व्रत
और पिता के दुःख में आंसुओं के जरिए बटती है हिस्सा
उनकी दौलत में नहीं बेटों की तरह
नहीं मांगती कोई हिस्सा
न हिस्से के लिए पिता का फोडती हैं सर
जरा सोचिए कितनी अच्छी होती हैं पुत्रियन
बहुत अच्छी होती है पुत्रिआन

2 comments:

Udan Tashtari said...

पुत्रियाँ तो देवियाँ होती हैं..

सोतड़ू said...

बात तो सही है पर ये तो बताइये कि.....
क्या कर दिया ई लड़कवा