Monday, February 15, 2010

बवाल कुर्सी

भाई यह कुर्सी बड़ी बवाल है
किसी की नहीं होती यह कुर्सी
वक्त बेवक्त हिलने लगती है कुर्सी
अक्सर जमीन में धंसने लगती है कुर्सी
कई बार तो पीठ टिकने का
मौका भी नहीं देती कुर्सी
कभी गिरा भी देती है कुर्सी
पेट और पीठ का दर्द भी देती है कुर्सी
कई बार तो जानलेवा तक
साबित हो जाती कुर्सी
जाने क्यों इस सब के बावजूद
लोग नहीं त्यागना चाहते कुर्सी

3 comments:

Randhir Singh Suman said...

nice

कुश said...

गर त्याग दी कुर्सी तो हो जायेगी मातमपुर्सी

बहुत खूब लिखा है..

वर्षा said...

सारी जूतमपैजार कुर्सी की खातिर ही तो मची रहती है। सचमुच जानलेवा होती है कुर्सी