Saturday, April 17, 2010

समझना

जब कोई कहता है
उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा है
मुझे लगता है
उसे इतनी समझ तो है
कि उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा
इसी से मुझे पता चलता है
वह सब कुछ समझता है
लेकिन करता रहता है
न समझने का नाटक
नाटक सिर्फ देखने और दिखाने
में ही लगता है अच्छा
उसके पीछे कि सच्चाई
बहुत कडवी होती है
जरूरत है उससे बचने की .

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