Tuesday, December 15, 2009

कल गोरख पांडे की एक आडियो सीडी के माधिअम से उनके कुछ गीत और कुछ कविताएँ सुनने को मिलींअछा लगा लेकिन एक बात खलीउन्हें जिस तरह प्रस्तुत किया गया उससे उन गीतों का वास्तविक प्रभाव जाता रहालगता रहा जैसे लड़ाई के समय गाए जाने वाले गीत को मंगल गीत की तरह गाया गया होकितना अच्छा होता अगर इसका ख्याल रखा गया होताफ़िर भी इसके लिए सीडी बनने वाले बधाई के पात्र हैं

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