Friday, March 5, 2010

धर्म के नाम पर मौत

धार्मिक आस्थाओं वाला हमारा भारत देश कितना महान है कि धर्म के नाम पर अकूत कमाई करने वाले संत-महात्माओं को लोगों कि इज्जत और जान कि कोई परवाह नहीं होती और हमारा शासन और प्रशासन भी इतना असंवेदनशील है कि इनके इस तरह के कारनामों पर बहुत देर तक आँखें बंद किए रहता है . अभी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में एक इच्छाधारी संत गिरफ्तार किया गया जो लम्बे समय से यह धंधा चला रहा था . इसी बीच कर्णाटक में एक अश्लील सीडी सामने आई जिसमे एक संत एक अभिनेत्री के साथ दिखा जिसके बाद वहां के लोगों ने काफी विरोध किया . अब प्रतापगढ़ में कृपालु महराज के भंडारे के दौरान हुई भगदड़ में ७१ जानें चली गईं . इसमें एक चौकाने वाला तथ्य यह है कि मृतकों में एकाध को छोडकर सभी बच्चे और महिलाऐं हैं . एक दूसरा बेहद दुखद तथ्य यह है कि दिन के साढ़े ११ बजे हुई इस दर्दनाक वारदात पर रात १२ बजे तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था . आखिर इस हादसे में वे गरीब जो मरे थे जो कृपालु महराज का कटोरी -चम्मच तथा १० रूपए पाने के लिए गए थे . अंदाजा लगाइए कि इस भगदड़ में अगर उच्च्च वेर्ग के लोग या विदेशी श्रध्धालुओं कि मौत हुई होती तब भी किया हमारी सरकार और प्रशासन का यही रवैया होता . जरा सोचिए कि कृपालु महराज ने इस बारे में नहीं सोचा कि जब भारी तादात में लोग आ जाएँगे तो उन्हें कैसे संभाला जाएगा ? मतलब कृपालु ने लोगों को मरने के लिए ही बुलाया था . अगर ऐसा न होता तो उन्होंने पहले से इसका इंतजाम किया होता ताकि ऐसे हादसे से बचा जा सकता . प्रशासन ने भी यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उसे कार्यक्रम के बारे में सूचना नहीं दी गई थी . जरा याद करी लखनऊ में एक मंत्री ने साडी वितरण का कार्यक्रम रखा था जिसमे हुई भगदड़ में कई लोगों कि जान चली गई थी . उस मामले में भी कुछ नहीं हुआ . इसमें भी मरने वालों को ही दोषी ठहरा दिया जाएगा और फिर अगले हादसे का इंतजार किया जाएगा . लगता है धर्म के नाम पर कमाई चलती ही रहेगी और लोग मरने के लिए मजबूर रहेंगे .